हाइकु कवयित्री
महिमा श्रीवास्तव वर्मा
हाइकु
1.
हौले से छुए
अरूषी मेरा माथ
आयी माँ याद ।
2.
मन-मन के
बोझ बने मन के
बोल उनके ।
3.
नन्हा-सा दीप
घने तमस पर
खींचे लकीर ।
4.
काट ले गया
लकड़हारा वक्त
उम्र दरख्त ।
5.
रश्मि-अमृत
रवि-घट छलका
धारा जीवंत ।
6.
बेटी जो पढ़ी
सँवारे दोनों कुल
पीढ़ियाँ गढ़ी ।
7.
भू फिर काँपी
क्रोध है या क्रंदन
करें मनन ।
8.
यादों के गाँव
घूमने चला मन
स्वप्नों के पाँव ।
9.
अद्भुत योग
नभ-धरा संयोग
क्षितिज गोद ।
10.
हवा बेहया
लिपटी सूरज से
लू बन बैठी ।
11.
याद गुलाल
रंगा मन-आँगन
भीगते ख्याल ।
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