हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका) संचालक : प्रदीप कुमार दाश "दीपक" ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐

मंगलवार, 6 अगस्त 2019

हाइकु कवयित्री महिमा श्रीवास्तव वर्मा जी के हाइकु

हाइकु कवयित्री 

महिमा श्रीवास्तव वर्मा

हाइकु 


1.
हौले से छुए 
अरूषी मेरा माथ
आयी माँ याद ।

2.
मन-मन के 
बोझ बने मन के
बोल उनके ।

3.
नन्हा-सा दीप 
घने तमस पर 
खींचे लकीर ।

4.
काट ले गया 
लकड़हारा वक्त 
उम्र दरख्त ।

5.
रश्मि-अमृत
रवि-घट छलका 
धारा जीवंत ।

6.
बेटी जो पढ़ी 
सँवारे दोनों कुल
पीढ़ियाँ गढ़ी ।

7.
भू फिर काँपी 
क्रोध है या क्रंदन 
करें मनन ।

 8.
यादों के गाँव
घूमने चला मन 
स्वप्नों के पाँव ।

9.
अद्भुत योग 
नभ-धरा संयोग
क्षितिज गोद ।

10.
हवा बेहया 
लिपटी सूरज से 
लू बन बैठी ।

11.
याद गुलाल 
रंगा मन-आँगन 
भीगते ख्याल ।

□  महिमा श्रीवास्तव वर्मा

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