हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

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मंगलवार, 6 अगस्त 2019

हाइकु कवयित्री पूर्णिमा सरोज जी के हाइकु

हाइकु कवयित्री 

पूर्णिमा सरोज 


हाइकु 


सावन आओ
मिटे जग की प्यास 
खुशियाँ लाओ ।

झूमे जगत
सावन झूलों संग
होके मगन ।

चुनरी हरी
पहनी वसुंधरा
               हर्षित फिरी ।             

सावन झूला
सब गम है भूला
ख़ुशी से डोला ।

मिटी तपिश
सावन की दस्तक
धरा हरियाई ।

सावन लाता
पीहर की स्मृतियाँ
मनभावन ।

सावन आना
थोड़ा सा रुक जाना
बाढ़ ना लाना ।

बूंदे शीतल
बरसाते बादल
    झूमे भूतल ।

श्रावण मास
बरखा तरसाये
  मिटा दो प्यास ।


□ पूर्णिमा सरोज
जगदलपुर,जिला - बस्तर
( छत्तीसगढ़ )

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