हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

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शनिवार, 7 सितंबर 2019

सुप्रसिद्ध हाइकु कवयित्री डॉ. मिथिलेश दीक्षित जी के प्रतिनिधि हाइकु


हाइकु कवयित्री 

डॉ. मिथिलेश दीक्षित 


हाइकु 


01.
चित्र उभरा
चित्त में उतरी जो
गहरी याद ! 

02.
जैसे बसती
सुरभि सुमन में
स्मृति मन में ! 

03.
बिना ममता
घर भी घर जैसा
कहाँ लगता ! 

04.
ठहर गयी
बरगद की छांव
मन के गांव ! 

05.
अश्रु नहीं ये
बूढे नयनों की हैं
धुंधली यादें ! 

06.
देखा सुमन 
छा गया मधुमास
मन के वन ! 

07.
खिल गया है
फूल कोई बाग में
रंग मैं उठी ! 

08.
कोहरा छाया
हवाओं को देख लो
पसीना आया ! 

09.
ली है शपथ
रुक नहीं सकता
हमारा पथ ! 

10.
प्रभु के लिए
जीवन भर जले
पूजा के दिये ! 
~ • ~

□  डॉ. मिथिलेश दीक्षित

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