हाइकुकार
ओम हरित
हाइकु
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ताल तलैया
सूखे जाने कब सें
दुःखी मछली ॥
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ओस कोहरा
कपकपाता तन
सर्द मौसम ॥
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पत्ते गिरते
देख उदास मन
संध्या काल में ॥
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देख शिकारी
मुश्किल चिड़ियों का
चहचहाना ॥
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छिना हैं चैन
लहराती लटों ने
बेकल जिया ॥
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फूल झरते
मुस्कान तुम्हारी
बेहोश हम ॥
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बुझता दिया
यादों की ताजा हवा
आ जाओ पिया ॥
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बुझता दिया
यादों की ताजा हवा
आ जाओ पिया ॥
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□ ओम हरित
ग्राम/पत्रालय - फागी, जिला - जयपुर
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