हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका) संचालक : प्रदीप कुमार दाश "दीपक" ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐

गुरुवार, 13 मई 2021

~ हाइकु कवयित्री किरण मिश्रा जी के हाइकु ~

हाइकु कवयित्री 

किरण मिश्रा 


हाइकु 

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बहरा चाँद 

रतजगे में इश्क 

तारे गवाह ।


सुर्खी पहन

गुल दुपहरिया 

सरसे पात ।


लाचार तन

आँख की किरकिरी 

बूढ़े माँ बाप ।


फिसला सूर्य 

क्षितिज उस पार

रजनी हँसी ।


पीली चूनर

खेत में लहराते 

सरसों फूल ।


हो गई भोर

खनकते कंगन

जागी रसोई ।


नाची मयूरी 

घिर आये बदरा 

सावन आया ।


भोर ने ओढ़ी

कोहरे की रजाई

छुट्टी पे रवि । 


कुएँ का जल

वृक्ष छाया शीतल

मन निर्मल ।


ईश शरण

अंतस समर्पण 

भाव दर्पण ।

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□  किरण मिश्रा

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