हाइकुकार
जयंत यादव
हाइकु
1)
कर्ज में डूबे
वादे हुए अधूरे
किसान रोये ।
2)
रोती बेटियां
कर रही गुहार
दहेज पाप ।
3)
आया अकाल
मरने लगे धान
सूखा नहर ।
4)
कलमकार
करे शब्दों से वार
अब तो जाग ।
5)
पहनें मास्क
मत होना बेहाल
कोरोना काल ।
6)
आया भूकंप
हिल गयी धरती
मची तबाही ।
7)
बढ़ती गर्मी
जीना हुआ कठिन
जंगल लुप्त ।
8)
फैलती आग
जंगल हुए खाक
बारिश आस ।
9)
भीषण धूप
जीना हुआ मुहाल
खोजता छांव ।
10)
रात जो ढली
जाग उठा सूरज
भोर मुस्काई ।
---000---
~ जयंत यादव
कोतासुरा, वि.ख. - पुसौर,
जिला-रायगढ़ (छत्तीसगढ़)
पिन - 496440
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