हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

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शुक्रवार, 2 अगस्त 2019

हाइकु : पूनम आनंद


हाइकु कवयित्री 

पूनम आनंद 


हाइकु 


रक्षाबंधन 
आशीर्वाद दोनों पा
जी गया रिश्ता ।

बंधे मन से
भेदभाव से दूर 
हो कर एक ।

रिश्तो के तार 
खून से उठकर 
अपने होते ।

प्रेम बगिया 
बिना धूप पानी के 
खिल उठती।

सावन झूमा
सजनी रूठी बैठी
पाती न आई ।

बौराए मन
कजरी नही गाए
मन उदास ।

नाचे मयुरी
सावन है संगिनी  
भीग के झूमो ।

□ पूनम आनंद

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