हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका) संचालक : प्रदीप कुमार दाश "दीपक" ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐

शनिवार, 3 अगस्त 2019

हाइकु कवयित्री शशि त्यागी जी के हाइकु


हाइकु कवयित्री 

शशि त्यागी 


हाइकु

--0-- 


1.
चीर अँधेरा
उदित रश्मि रथ
हुआ सवेरा ।

2.
ब्रह्मांड शून्य
मानव एक बिंदू
नेत्र पुतली ।

3.
नारी जीवन
कलकल बहती
पावन नदी ।

4.
आँख का बिंदू
हृदय में समाता
समग्र सिंधु ।

5.
नवेली बहू
घर मध्य घूमता
सुगंध झोंका ।

6.
प्रसव काल
शिशु रुदन सुन
माता मुस्काई ।

7.
पोते के हाथ
खुली हुई छतरी
दादा हैं झुके ।

8.
छीन ले गया
सपनों की गुड़िया
अल्ट्रासाउंड ।

9.
कनेर पुष्प
कानों खोल सुनते
हवा की बात ।

10.
ज्येष्ठ बिछड़ा
सावन बरसाता
आँसू की धार ।
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□ शशि त्यागी

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