हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

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शनिवार, 3 अगस्त 2019

हाइकु : जवाहर मुथा

हाइकुकार

जवाहर मुथा

हाइकु 


कहो ना कहो
जान लेते हैं फूल
गंधों की तूल ।

फूलों ने देखा
पत्ते भी लहराये
शोर मचाये ।

महक बोली
ये अजीब दुनिया 
न बाज आये ।

लाल फूल ने
पीले फूल को देखा
रंग बदला ।

लगे रहना
आदत फूल की है
महकते हैं ।

फूल की चाह
किसी को पता नहीं 
चाँद का राही ।

□ जवाहर मुथा

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