हाइकु कवयित्री
डॉ. मीता अग्रवाल
हाइकु
शेष केवल
है चार प्रतिशत
धरा में जल ।
सोचें आज तो
भविष्य सुरक्षित
जल ही कल ।
धरा की धारा
नदियाँ औ झरने
ताल तलैया ।
कुआँ नहर
जल के है डगर
जन जन के ।
है वृक्ष मित्र
जीवन-मूल्य दायी
करते रक्षा ।
बांधो न गाँव
अमराई की छाँव
बसा भारत ।
परंपराएँ
निभा छिपा है ज्ञान,
रीत विज्ञान ।
बात मान लो
पेड़ लगाओ एक
जीवन रक्षा ।
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