हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

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सोमवार, 5 अगस्त 2019

हाइकुकार : तुकाराम पुण्डलिकराव खिल्लारे

हाइकुकार 

तुकाराम पुंडलिकराव खिल्लारे 

हाइकु 

शीत लहर
पत्ते ओढ़ बैठी हैं 
धूल पथ की ।
* * *

जलता नल 
धूप में हैं मक्खियाँ 
पानी चूसती ।
* * * 

पतझर में 
भ्रमर राग सूना 
वृक्ष का रोना ।
* * * 

रोते बच्चे ने 
स्वर पंछी का सूना 
फूटा हँसना ।
* * * 

वन ढूंढते 
मोर गाँव में आया 
खिन्न मोरनी ।
* * * 

धो धो रो रहा 
इतना धनी होते 
बच्चों ने मारा
* * *

उल्लसित मैं 
पास सरक बैठें 
सपने मीठे ।
* * * 

पूरी हयात 
घूँघट का कफ़न
खरीदी गाय ।
* * *

नदी में अब
पत्थर ही पत्थर 
पंछी के पर ।

□ तुकाराम पुण्डलिकराव खिल्लारे

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