हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका) संचालक : प्रदीप कुमार दाश "दीपक" ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐

बुधवार, 14 अगस्त 2019

हाइकुकार आर्विली आशेन्द्र लूका जी के हाइकु

हाइकुकार

आर्विली आशेन्द्र लूका

हाइकु 


टूटे सपने
रूठे सब अपने
मनाऊं कैसे ।

प्यार के बोल
कंठ से जो निकले
दूर शिकवे ।

तिरंगा प्यारा
जब से लहराया
दुश्मन हारा ।

कटते वन 
न खेलें प्रकृति से
बचायें वृक्ष ।

पिता का हाथ
सिर पर जिसके
करता नाज़ ।

आग उगला
सूरज का ये गोला
तपती धरा ।
~ • ~

□  आर्विली आशेन्द्र लूका

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

MOST POPULAR POST IN MONTH