हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका) संचालक : प्रदीप कुमार दाश "दीपक" ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐

मंगलवार, 4 मई 2021

भवानी शंकर "तोसिक" जी के हाइकु

हाइकुकार

भवानी शंकर "तोसिक"

हाइकु

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1.

चंद्र रश्मियां

धरा को निहारती

नहीं हारती ।


2.

शब्दों का काटा

घाव न कभी भरा

ताउम्र हरा ।


3.

होठों पर हँसी

मन में है कटुता

सजा मुखौटा ।


4.

सुन के रोती

पहली किलकारी

नारी माँ प्यारी ।


5.

भीतर मन

कबीर जैसा पाया

मैं मुस्कुराया ।


6.

कोमल कंधे

बस्ते का बोझ भारी

व्यवस्था हारी  । 


7.

रोजी न मिली

बच्चे भूखे सो गए

स्वप्न खो गए ।


8.

अग्नि परीक्षा

मंदिरों के देश में

नारी ही हारी ।


9.

उदय हेतु

डूबना पड़ता है

सूरज को भी ।

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- भवानी शंकर "तोसिक"

आदर्श कॉलोनी, पीसांगन, 

जिला अजमेर (राजस्थान )

पिन - 305204

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