हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका) संचालक : प्रदीप कुमार दाश "दीपक" ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐

मंगलवार, 4 मई 2021

~ हाइकु कवयित्री सुधा राठौर जी के हाइकु ~

हाइकु कवयित्री 

सुधा राठौर 

हाइकु 

--0--


1.

सुख के पल

ढूँढते हैं बाहर

स्व के भीतर ।


2.

क्यों हो क़ातर

लगन से पढ़िए

ढाई आखर ।


3.

दुख का रेला

मिला किनारे पर

सुख का मेला ।


4.

बाक़ी है दम

हौसला पुरजोर

फिर क्या ग़म ।


5.

तम गहन

होने को है सबेरा

सूर्य का फेरा ।


6.

निराशा क्यों है 

जीते जी मर जाना

तमाशा क्यों है ।


7.

लिखी जितनी

तक़दीर में उम्र

मिले उतनी ।


8.

स्व की सुरक्षा

हमारी ज़िम्मेदारी

छोड़ें न कक्षा ।


9.

हार न मान

बहुत है आसान

हित संज्ञान ।


10.

हास्य मलय

अंतस सुवासित

सुख निलय ।

--00--


~ सुधा राठौर

नागपुर (महाराष्ट्र)

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