हाइकुकार
राजीव नामदेव "राना लिधौरी"
हाइकु
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बिकने लगी
जल, जमीन, हवा
जीवन दवा ।
***
नष्ट जंगल
नदियाँ प्रदूषित
कैसे मंगल ।
***
जल के स्रोत
जंगल व बादल
जीवन ज्योत ।
***
टेढ़ी नज़र
प्रकृति की होती है
रोते हैं सब ।
***
प्रकृति करे
बसंत बहार में
खूब श्रृंगार ।
***
करे किसानी
भारतीय किसान
वर्षा सहारे ।
***
चाँद झाँकता
आने की है उम्मीद
राह ताकता ।
***
नदी सा बहो
मत बनो सागर
खारा है पानी ।
***
स्वाति की बूँद
लक्ष्य पर पहुँच
मोती बनती ।
***
कूकी कोयल
पीला सोना खेत में
भौंरा बटोरे ।
***
मन का दीप
जब भी वह दिखे
जल ही उठे ।
***
हवा के संग
पीपल के पत्ते भी
नाच उठते ।
*****
□ राजीव नामदेव "राना लिधौरी"
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (म.प्र.) पिन-472001
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