हाइकु कवयित्री
अंशु विनोद गुप्ता
हाइकु
1
उड़ी विहान
तितली बन याद
विकल प्राण ।
2
इंसाँ खोदता
कुआँ ,खाई खंदक
पर हितार्थ ।
3
कोकिला गान
मधुर रस घोले
मनुज प्राण ।
4
टेसू पलाश
होरी रँग बिरंगी
गगन हास ।
5
श्वेत पाषाण
प्रणय सुप्रतीक
ताजमहल ।
6
धूल धूसरित
बरसात ने धोयी
धरती चूड़ी ।
7
सेमल लाल
बाहों की जयमाल
नव वल्लरी ।
8
लवण हीन
जीवन या भोजन
स्वाद विहीन ।
9.
प्रभात लाली
ऊर्जावान प्रेरणा
चैतन्य जग ।
10.
प्रखर ताप
आलस्य मन छाया
दिन बौराया ।
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□ अंशु विनोद गुप्ता
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