हाइकु कवयित्री
~ पुष्पा सिंघी ~
(माँ की स्मृति में)
हाइकु
1.
चली गयीं माँ
'मैं ठीक हूँ' कहके
तारों के देश ।
2.
झरे नयन
मिलेगा कहाँ अब
माँ का आँचल ।
3.
हंता कोविड
छीन कर माँ मेरी
मिला क्या तुम्हें ?
4.
बिजली गिरी
आई सी यू वार्ड में
नहीं दिखीं माँ ।
5.
मनोबली माँ
कोविड से क्यूँ हारी
प्रश्न खड़ा है ।
6.
चैतन्य रश्मि
बाँटा नेह उजास
खो गयी कहाँ ?
7.
आँगन सूना
गृहस्वामिनी बिन
लौट आओ माँ ।
8.
काँपता मन
माँ के बिन मायका
निर्जन वन ।
9.
मूक-बधिर
समझी माँ की पीर
बनकर माँ ।
10.
कहाँ गयीं माँ ?
यादों का चक्रव्यूह
तड़पी सुता ।
---00---
□ पुष्पा सिंघी
कटक (उड़िशा)
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