हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका) संचालक : प्रदीप कुमार दाश "दीपक" ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐

बुधवार, 12 मई 2021

हाइकु कवयित्री पुष्पा सिंघी जी के हाइकु

हाइकु कवयित्री

~ पुष्पा सिंघी ~


(माँ की स्मृति में)

हाइकु 


1.

चली गयीं माँ

'मैं ठीक हूँ' कहके

तारों के देश ।


2.

झरे नयन

मिलेगा कहाँ अब

माँ का आँचल ।


3.

हंता कोविड 

छीन कर माँ मेरी 

मिला क्या तुम्हें ?


4.

बिजली गिरी 

आई सी यू वार्ड में 

नहीं दिखीं माँ ।


5.

मनोबली माँ 

कोविड से क्यूँ हारी

प्रश्न खड़ा है ।


6.

चैतन्य रश्मि 

बाँटा नेह उजास

खो गयी कहाँ ?


7.

आँगन सूना 

गृहस्वामिनी बिन

लौट आओ माँ ।


8.

काँपता मन

माँ के बिन मायका

निर्जन वन ।


9.

मूक-बधिर

समझी माँ की पीर 

बनकर माँ ।


10.

कहाँ गयीं माँ ?

यादों का चक्रव्यूह 

तड़पी सुता ।

---00---


□ पुष्पा सिंघी

  कटक (उड़िशा)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

MOST POPULAR POST IN MONTH