हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका) संचालक : प्रदीप कुमार दाश "दीपक" ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐

शनिवार, 15 मई 2021

~ हाइकुकार डॉ. ललित फरक्या "पार्थ" जी के हाइकु ~

हाइकुकार

डॉ. ललित फरक्या "पार्थ"


हाइकु 

--0--


1)

माँ की ममता

होती है अनमोल

कर ना तौल ।


2)

कैसा कहर ?

साँसें जाती ठहर

घुला जहर ।


3)

है मजबूरी 

आओ बना लें दूरी

साँस ज़रुरी ।


4)

व्यथित मन

फैल रहा रुदन

त्रस्त जीवन ।


5)

गमों से फैली 

आँसुओं की चाशनी

ख़ुशी काफूर ।


6)

बहती हवा

है जो पुरवाई 

लगे सुहानी ।


7)

ढलती सांझ

पंछी लौटे बसेरा

मिला सुकून ।


8)

झरे झरने

कल कल करते

बहता आब ।


9)

नेह का भ्रम

दृष्टि हो गई कम

क्या करें हम ?


10)

अटल सत्य 

वो आनंद के पल

देंगे सुफल ।

---00---


□ डॉ. ललित फरक्या "पार्थ"

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