हाइकु कवयित्री
डॉ. मिथिलेश दीक्षित
हाइकु
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यादें
किसी की याद
महकती-सी पाती
आज भी आती !
*
चित्र उभरा
चित्त में गहरी जो
उतरी याद !
*
एक ही पल
दृश्यों से भर गया
पूरा पटल !
*
मधुर याद
यह कोयल कूकी
बरस बाद !
*
बैठा बेदर्द
यादों की बगिया में
फूलों का दर्द !
*
मौन भवन
डूब गये स्मृति में
वृद्ध नयन !
*
सजल हुए
पथराये नयना
पिघले हम !
*
वक़्त की मार
यादों ने रोक लिया
जाने से पार !
*
ठहर गयी
बरगद की छाँव
मन के गाँव !
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□ डॉ. मिथिलेश दीक्षित
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