~ चित्र आधारित कतौता सृजन प्रतियोगिता ~
हाइकु ताँका प्रवाह
अगस्त - 2021
क्र. 16
प्रविष्टि के 25 कतौता
कतौता
---0---
1.
कांटो में बैठ
जीवन लक्ष्य देखें
दूर दृष्टि रखते ।
~ रूबी दास
2.
कांटों की तार
है संकट हज़ार
कैसे हो बेड़ा पार ।
~ निर्मला पांडेय
3.
दिखे ना डाली
हुआ बिजली तार
एक मात्र आधार ।
~ देवयानी बनर्जी
4.
जिंदगी तो है
कँटीली तारों जैसी
फिर भी चहकते ।
~ संतोष बुद्धराजा
5.
चार चिड़िया
झुंड बनाये बैठी
चर्चा कर रही है ।
~ छाया श्रीवास्तव
6.
थे हम पांच
लगा हैं दरबार
उड़े छितीज पार !
~ ज्ञान भंडारी
7.
सोच समझ
वाणी बिन बुनते
घोंसला वो सजाते ।
~ मीरा जोगलेकर
8.
साथ कब से
जो भी उड़े पहले
बेवफ़ा कहलाए ।
~ विवेक कवीश्वर
9.
चिड़िया चार
काँटों पर कदम
पंखों पर भरोसा ।
~ अमिता शाह "अमी"
10.
कटा दरख़्त
देख रही बहनें
उजड़े आशियानें ।
~ अल्पा जीतेश तन्ना
11.
है एकजुट
कांटों पर विराज
अंबक अनागत ।
~ कल्पना कामदार
12.
आज रक्षक
बन गये भक्षक
कैसे रहूँ अक्षुण्ण ।
~ मधु सिंघी
13.
चिड़िया होना
कितना मुश्किल है
मौन हो कर जीना !
~ विद्या चौहान
14.
सारे है साथ
एकता की मिसाल
जितेंगे यें संसार ।
~ कविता कौशिक
15.
मिलता बल
जो हम सब साथ
एकात्मता की शक्ति ।
~ सुषमा अग्रवाल
16.
सुदृढ़ स्वस्थ
एकता बलवान
कामयाबी का लक्ष्य ।
~ राजश्री राठी
17.
सुजान चार
लौह श्रृंखला बैठ
करें गूढ़ विचार ।
~ शर्मिला चौहान
18.
दुनिया वालों
हम सब साथ हैं
एकता की मिसाल ।
~ पूनम मिश्रा
19.
हवा हो गया
डर हमार आज
मिल बैठे हैं हम ।
~ प्रकाश कांबले
20.
शाखाएँ छूटी
हुआ तार बसेरा
हम साथ साथ है ।
~ शीला तापड़िया
21.
चारों वेद के
ज्ञाता ये कबूतर
जन्मों का बस खेल ।
~ डॉ. शीला भार्गव
22.
एकता शक्ति
वंश गोरैया पंक्ति
है शिष्टाचार भक्ति ।
~ हरीश रंगवानी
23.
कंटीले तार
ही जीवन आधार
उजड़ गया नीड़ ।
~ गंगा प्रसाद पांडेय "भावुक"
24.
पंछी सुंदर
प्रकृति के श्रृंगार
दिव्य नेह प्रसार ।
~ पूर्णिमा सरोज
25.
मानव सीखो
सीमा हीन गगन
बैठे मस्त मगन ।
~ रेशम मदान
☆☆☆☆☆☆☆☆☆☆
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें