हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका) संचालक : प्रदीप कुमार दाश "दीपक" ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐

सोमवार, 10 मार्च 2025

हाइकुकार अंजनी कुमार शर्मा जी के अंगिका हाइकु

अंजनी कुमार शर्मा

अंगिका हाइकु


1.

बोली नै भाषा

छै हमरो अंगिका

अंगो के टीका ।


2.

विक्रमशिला

अजगैबी, मंदार

अंगो के द्वार ।


3.

जेंठा छै केला

लीची अफराद

बदलै स्वाद ।


4.

लहरावै छै

आमो केरो बगीचा

अंग-अंग में ।


5.

शरतचंद्र

के जेंठा ननिहाल

आदमपुर ।


6.

दानी कर्ण भी

रहै यहीं के राजा

मुस्कावै प्रजा ।


7.

सती प्रथा के

नींव पड़लै यहीं

जनपद में ।


8.

दस ठो बच्चा

जन्मवावै छै लुच्चा

ठग समुच्चा ।


9.

अंग धरा के

पांव पखारै गंगा

आरो कोशी भी ।


10.

शिक्षा के केंद्र

छिकै भागलपुर

दूर-दूर सें । 


11. नै अपमान

करो नारी सम्मान

माय समान ।


12 

नै छै अबला

नारियो छै सबला

पूजनीय छै ।


13.

माय के पूजो

होथोंन बरक्कत

बनो सशक्त ।


14.

जत्ते कूदतै 

बंदरवा गाछी पे

दर्द भागतै ।


15.

धुडखेल भी

छिकै होली के रूप

चेहरा भूप ।


16.

गंजेरी पीथें

बनै बकबकिया

खोजथों श्रोता ।


17.

जर-जनानी

कानों काटे मर्दो के

आगू वर्दो के 


18.

 हाइकु छिकै

साहित्य के ही विधा

खुब्भे सुविधा ।


19.

सरंगो भेलै

युगो में घर द्वार

जैवो आसान ।


20.

लिखै के आवै

अंजनी के भेले बूध

लिखे छै खूब ।

~~~*~~~


~ अंजनी कुमार शर्मा

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