हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

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शनिवार, 24 अगस्त 2019

हाइकुकार डॉ. राजीव गोयल जी के उत्कृष्ट हाइकु


हाइकुकार

डाॅ. राजीव गोयल 

हाइकु 


1.
दीप जो जला
जान बचाने तम
पैरों में गिरा ।

2.
हवा जो चली
बाँस के हृदय में 
बजी बाँसुरी ।

3.
रवि जुलाहा
किरणों के धागे से
बुने उजाला ।

4.
देख सूरज
हुए शर्म से लाल
भोर के गाल ।

5.
सपने बुने
निंदिया जुलाहिन
पलकों तले ।

6.
पंछी जुलाहा
ले तिनके बुनता
नीड़ की काया ।

7.
लौटे परिंदे
फिर चैन से सोया
बूढ़ा पीपल ।
~ • ~

□  डॉ. राजीव गोयल

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