हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

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सोमवार, 5 अगस्त 2019

हाइकुकार श्रवण चोरनेले "श्रवण" जी के हाइकु

हाइकुकार

श्रवण चोरनेले "श्रवण"


हाइकु 


~ १ ~
फूल झड़ते
वृक्ष व्यथित नहीं
सृजन करे ।

 ~ २ ~ 
प्रीत ज़िंदगी
नारी शक्ति नमन
नित बंदगी ।

 ~ ३ ~
घर चहके
दुहिता बन कर
मन महके ।

~ ४ ~
रूप अनेक
दुःख दर्द दिलासा
नारी विवेक ।

~ ५ ~
कद बढते
विश्व पटल पर
नारी दमके ।

~ ६ ~
हुए कुर्बान
नमन शहादत
मिले सम्मान ।

~ ७ ~
शब्द कोष में
मौन रहकर भी
रहे होश में ।

~ ८ ~
बरखा रानी
ज़रा बरस कर
लाओ रवानी ।

~ ९ ~ 
कठिन श्रम
खुद को पहचानो
दुनिया भ्रम ।

~ १० ~
निकले रोज
सार्थकता की खोज
लेकर ओज ।

□ श्रवण चोरनेले "श्रवण"

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