हाइकुकार
अभिषेक जैन
हाइकु
1)
टूटी सड़क
चहचहाने लगी
खामोश गली ।
2)
चमक रहे
तन्हाई के कक्ष में
यादों के बल्ब ।
3)
आ गये याद
स्वतंत्रता सेनानी
अरसे बाद ।
4)
तन माटी का
फिर कैसा गुमान
कद काठी का ।
5)
काँटों से डर
घुस गई महक
फूलों के घर ।
6)
नभ प्रांगण
चाँद करे सत्संग
श्रद्धालु तारे ।
7)
रूठी नींद को
मना कर ले आई
मैया की लोरी ।
8)
ले आया घर
गुरुर कमा कर
साहब बेटा ।
9)
बालक मन
भेद भाव से परे
स्वच्छ दर्पण ।
10)
नयन तरु
पंख फैलाये बैठे
ख्वाब पखेरू ।
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