हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

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शुक्रवार, 16 अगस्त 2019

हाइकुकार सूर्यनारायण गुप्त "सूर्य" जी के हाइकु

हाइकुकार

सूर्यनारायण गुप्त "सूर्य"

हाइकु


1.
सिन्दूरी शाम
गगन में बिखरे
तारे तमाम ।

2.
नदी का कूल 
हरे-भरे बाग में 
खिलें हैं फूल ।

3.
प्यारा सा गाँव
बाँसाें का झुरमुट
धूपिया छाँव ।

4.
मन को माेहे
झिलमिलाते तारे
कितने प्यारे ।

5.
माँ तेरा प्यार 
पा कर ऊँचा हुआ
मेरा संसार ।

6.
मन लहर
पी की याद में झूमे
आठाें पहर ।

7.
पुच्छल तारा
दिखा गया रात्रि में
प्यारा नजारा ।

8.
तारों की टाेली
आकाश-गंगा तट
करें ठिठोली ।
~ • ~

□  सूर्यनारायण गुप्त "सूर्य"

पथरहट (गाैरीबाजार)

जिला-देवरिया (उ.प्र.)

पिन - 274202

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