हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

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गुरुवार, 15 अगस्त 2019

हाइकु कवयित्री शगुफ्ता यास्मीन क़ाज़ी जी के हाइकु


हाइकु कवयित्री 

शगुफ्ता यास्मीन क़ाज़ी 

हाइकु


१)
नाराज़ रवि
बादलों की ओट में
छिप के बैठा ।

२)
रिम-झिम सी
लगी सावन झड़ी
फुहार पड़ी ।

३)
रवि बेचारा
आराम कर रहा
थक के बैठा ।

४)
कभी नाराज़
कभी मेहरबान
है मेघराज ।

५)
कहीं है सूखा
कहीं पे अतिवृष्टि
ईश्वर मर्ज़ी ।

६)
पवित्र रिश्ता
रेशमी डोर संग 
प्रीत के रंग ।

७)
इंद्रधनुष
सात रंगों के संग
मस्त मलंग ।

८)
सुमन खिले
लहकी सी पवन
महकी धरा ।

९)
निखर गई
बारिश से धुलके
सँवरी धरा ।

१०)
लाज शर्म से
अधखिली है धूप
सुंदर रूप ।
~ ● ~

□  शगुफ्ता यास्मीन क़ाज़ी 

नागपुर  (महाराष्ट्र)

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