हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

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बुधवार, 21 अगस्त 2019

हाइकु कवयित्री अलका त्रिपाठी "विजय" जी के हाइकु


हाइकु कवयित्री 

अलका त्रिपाठी "विजय"

हाइकु


1)
नेह का बीज
उगते देह गेह
संस्कार श्रेष्ठ ।

2)
गर्भ तन में
शुभ्र जो बीज बोये
फलती धरा ।

3)
कर्म जो बोये
अवतरित सदा
फलित फल ।

4)
धरा की गोद
शून्य छूता शिखर
गर्भ में पल ।

5)
महा आकार
लघु रूप बीजक
महा वट सा ।

6)
बीज फलता
करता शुद्ध सृजन
चेतन मन ।

7)
अंनत फल
जो बीज लेता रूप
अंनत फूल ।
***

□  अलका त्रिपाठी "विजय"

लखनऊ (उ.प्र.)

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