हाइकु कवयित्री
डॉ. सुरंगमा यादव
हाइकु
1.
जो हैं उन्मन
विश्वास से भर दें
उनका मन
2.
अपनी छोड़ो
औरों के हित बढ़ो
पग दो पग
3.
तम की इच्छा
एक दीप जला दो
राह दिखा दो
4.
तम में दीप
काली चादर पर
तरल सोना
5.
पीर पराई
समझी गहराई
खुद पे आयी ।
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□ डॉ. सुरंगमा यादव
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