हाइकुकार
वृन्दावन वर्मा
हाइकु
1.
फूस का घर
आग हमसफर
टूटा कहर ।
2.
लेकर आया
मधुर मधुमास
नया विश्वास ।
3.
बोले दादुर
पावस नहीं दूर
नाचे मयूर ।
4.
जीवन पथ
धूप-छांव का खेल
नैय्या तू ठेल ।
5.
चाहते आम
बोते बबूल हुए
कांटे तमाम ।
6.
पूस की रात
चिपका नवजात
माँ कृष गात ।
7.
मन है हर्षा
महक उठी माटी
आ गई वर्षा ।
8.
दिग दिगंत
सुगंध ही सुगंध
लाया वसंत ।
~ • ~
□ वृन्दावन वर्मा
जलालपुर घई, जनपद - रायबरेली
(उत्तर प्रदेश)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें