हाइकुकार
डॉ. रामनारायण पटेल
हाइकु
1
पत्ते झरते
गुनता है किसको
खिले तो झरे ।
2.
मनु की चिंता
हिमगिरि अटकी
दरार पड़ी ।
3.
उड़ी चिड़िया
नीड़ बनाऊँ नया
ठूँठ ही मिले ।
4.
सिंदूरी संध्या
पंछी चहके नीड़
शोर में भोर ।
5.
सावन आया
दादुर ठोंके ताल
झिंगुर गाए ।
6.
हठी बसंत
घर आए बताऊँ
गेंदा, गुलाब ।
7.
स्वारथ आरी
मित्रता बड़ी प्यारी
गले में छूरी ।
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