हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

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मंगलवार, 3 दिसंबर 2019

~ हाइकु कवयित्री सुधा राठौर जी के हाइकु ~

हाइकु कवयित्री : सुधा राठौर 


हाइकु 
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भोर होते ही
रजनी ने बांध लीं
काली अलकें ।


प्राची के गाँव
सूर्य ने सुलगाया
सुर्ख़ अलाव ।


विहँस उठी
कोमलांगी सी धूप
किलक उठी ।


बाँटने लगी
सूरज की केतली
उष्मा की प्याली ।


धूप ने छुआ
अलसाये से पेड़
जागने लगे ।


सिमट गये
सर्द हवा के पाखी
पत्तों के बीच ।
☆★☆

□  सुधा राठौर

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