सुरेखा अग्रवाल "स्वरा"
(हाइकु प्रथम प्रयास)
हाइकु
सुनो जिंदगी
मत लो इम्तिहान
छूटती आस ।
--0--
जिंदगी जंग
जब हो सब संग
सब आसान ।
--0--
टूटता मन
दरकते जज्बात
छुटते हाथ ।
--0--
उम्मीदी आस
बेशुमार फासले
टूटता मन ।
--0--
एक जिंदगी
भरपूर रौशनी
गुम अँधेरा ।
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ख़ुशी के पल
रहते वक्त संग
जी लो जिंदगी ।
--0--
जिंदगी संग
बिना सोचे समझे
लगाया दिल ।
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हाथों में हाथ
हरदम हो साथ
सुनो जिंदगी ।
--0--
तेरे ख़्याल में
उम्र गुज़र जाए
जिंदगी वही ।
--00--
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