हाइकुकार
सुरेश चौधरी
हाइकु
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१.
जलती होली
जलते राग-द्वेष
मन निश्छल ।
२.
उड़े गुलाल
अंग अंग फडके
होली रे होली ।
३.
फागण आयो
रंग अंग लगायो
हियो हर्षायो ।
४.
मित्रालिंगन
चित है गद-गद
पुनीत रिश्ते ।
५.
रंगों की होली
अपनों की ठिठोली
गाली भी प्यारी ।
६.
बसंती रूत
मनभावन छटा
आयेंगे पिया ।
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