हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका) संचालक : प्रदीप कुमार दाश "दीपक" ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐

शुक्रवार, 14 मई 2021

~•~ हाइकु कवयित्री नीलू मेहरा जी के हाइकु ~•~

हाइकु कवयित्री 

नीलू मेहरा 


हाइकु 

--0--


पुष्प 


1.

रजनीगंधा

रात्रि पर्यंत इत्र

रास मिलन ।


2.

हरसिंगार

सजनी का श्रृंगार

प्रेम आभार ।


3.

अमलतास

लटकते झुमके

पीत रंगत ।


4.

अति विशुद्ध

केसर की बगिया

आज हँसती ।


5.

सूरजमुखी

दिवाकर की लाली

स्वर्णिम आभा ।


6.

गूंथता गया

नायिका की बेणी

बेला सुगंधि ।


7.

गुलाब खिला

वेधित है शूलों से

हँसे सर्वदा ।


8.

फूलों सी हँसी

सुरभित  मलय

भ्रमर-राग ।


9.

ओस मिलन

पुष्प चमके मोती

खिले चमन ।


10.

शशांक मेरा

चम चम चमके

खिले गुलाब ।


11.

प्रेमिल राग

सुमन मकरंद

प्रेम पराग ।


12.

चढ़ते पुष्प

देव, मजार, चर्च

फैली सुगंधि ।


13.

युगल प्रेमी

जयमाल श्रृंगार

शुभ प्रहर ।


14.

सुहाग बेला

पुष्पों की सेज पर

चिर प्रणय ।


15.

सौभाग्यशाली

शहीदों की राहों में

हर्षित पुष्प ।


16.

पुष्प अर्पित

जीवन समर्पित

प्रेम पुजारी ।


17.

नन्हें श्रमिक

मुरझाए  रहते

झड़ते पुष्प ।

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□  नीलू मेहरा

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