हाइकु कवयित्री
नीलू मेहरा
हाइकु
--0--
पुष्प
1.
रजनीगंधा
रात्रि पर्यंत इत्र
रास मिलन ।
2.
हरसिंगार
सजनी का श्रृंगार
प्रेम आभार ।
3.
अमलतास
लटकते झुमके
पीत रंगत ।
4.
अति विशुद्ध
केसर की बगिया
आज हँसती ।
5.
सूरजमुखी
दिवाकर की लाली
स्वर्णिम आभा ।
6.
गूंथता गया
नायिका की बेणी
बेला सुगंधि ।
7.
गुलाब खिला
वेधित है शूलों से
हँसे सर्वदा ।
8.
फूलों सी हँसी
सुरभित मलय
भ्रमर-राग ।
9.
ओस मिलन
पुष्प चमके मोती
खिले चमन ।
10.
शशांक मेरा
चम चम चमके
खिले गुलाब ।
11.
प्रेमिल राग
सुमन मकरंद
प्रेम पराग ।
12.
चढ़ते पुष्प
देव, मजार, चर्च
फैली सुगंधि ।
13.
युगल प्रेमी
जयमाल श्रृंगार
शुभ प्रहर ।
14.
सुहाग बेला
पुष्पों की सेज पर
चिर प्रणय ।
15.
सौभाग्यशाली
शहीदों की राहों में
हर्षित पुष्प ।
16.
पुष्प अर्पित
जीवन समर्पित
प्रेम पुजारी ।
17.
नन्हें श्रमिक
मुरझाए रहते
झड़ते पुष्प ।
---00---
□ नीलू मेहरा
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