हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका) संचालक : प्रदीप कुमार दाश "दीपक" ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐

शनिवार, 5 जून 2021

~•~ हाइकु कवयित्री शर्मिला चौहान जी के हाइकु ~•~

हाइकु कवयित्री 

शर्मिला चौहान 

हाइकु

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बीज रोपण

हँसती सहे चोट

धरा की छाती ।


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ऊष्मा भरती

संगोपन भ्रूण का

धरा मातृत्व ।


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मेघ दे नीर

नवजात झाँकता

जग में आता ।


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संबल माँ का

मूल दृढ़ आधार

पौधा तैयार ।


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बाल पादप

नभ देख मुस्काता

युवान होता ।


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समृद्ध वृक्ष

तने पर्ण फलों से

धरा मुस्काई ।


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□ शर्मिला चौहान

ठाणे (महाराष्ट्र)

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