हाइकुकार
श्रवण चोरनेले "श्रवण"
हाइकु
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(१)
तपस्या सम
करूणा एक पल
होता है दम ।
(२)
मिलता नहीं
खुशियों का संदेश
मायूस न हो ।
(३)
सहयोग से
सुख शांति मिलती
बड़े योग से ।
(४)
जन्म मनुज
जीवन - प्रबंधन
ईमानदारी ।
(५)
मन का शोर
विरह की वेदना
शशि - चकोर ।
(६)
खिले सुमन
खुशियों का मिलन
मन - किरण ।
(७)
प्रकृति - प्यार
ख़ुशबुओं का मेला
जीवन - सार ।
(८)
मौन की शान
बहुत कह जाती
एक मुस्कान ।
(९)
दीप जलते
सब पर प्रकाश
दर्द सहते ।
(१०)
बरखा चाल
पुरवाई महकी
गंध उछाल ।
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□ श्रवण चोरनेले 'श्रवण
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