हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका) संचालक : प्रदीप कुमार दाश "दीपक" ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐

शुक्रवार, 2 जुलाई 2021

हाइकुकार श्रवण चोरनेले श्रवण जी के हाइकु

~ हाइकुकार ~

श्रवण चोरनेले श्रवण 

 ~ हाइकु ~

सांझ की बेला


~ 1 ~

सांझ की बेला

गगन अलबेला

मन अकेला ।


~ 2 ~

एक कहानी

गाय  उड़ाती धूल

शाम सुहानी ।


~ 3 ~

उड़ती धूर

धुंधलाया गगन

गाय के खुर ।


~ 4 ~

सांझ की लाली

छोटा सा ठहराव

लौटे मवाली ।


~ 5 ~

खुशियाँ लाती

मवेशियों की वाणी

कल्याण गाती ।


~ 6 ~

मन मीत के

गाते हैं हर शाम

गीत प्रीत के ।


~ 7 ~

एक कतार

पंछियों की वापसी

नीड़ के द्वार ।


~ 8 ~

अंबर स्याही

छुप जाये सूरज

लौटते राही ।


~ 9 ~

चौरा तुलसी

दीप जले स्नेह के

गाये आरती ।


~ 10 ~

कभी न थके

अपने अपने नीड़

पहुँच चुके ।


~ 11 ~

संध्या समय 

गाये जाते हैं  राग

कल्याण ठाट ।

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□  श्रवण चोरनेले 'श्रवण'

रायपुर (छत्तीसगढ़)

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