हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

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शनिवार, 7 अगस्त 2021

~ फूल पर अमिता शाह "अमी" जी के गुजराती हाइकु ~

गुजराती हाइकु

અમિતા શાહ "અમી"

"ફૂલ / फूल"


1)

ફૂલ મસળ્યા

ક્યારેક કાંટા અડો

લોહી લુહાણ ।


फूल मसले

कभी काँटों को छूना

खून की धार ।


2)

ફૂલ ની ગંધ

મહેક આ માટી ની

જન્મો ની ગાંઠ ।


फूल की गंध

महक ये माटी की

जन्म का रिश्ता ।


3)

ખેલ ભાગ્ય ના

અતિ સુંદર ફૂલ

ટૂંકી જિંદગી ।


खेल भाग्य के

खूबसूरत फूल

छोटी जिंदगी ।


4)

ટકયું હવા માં

ફૂલ રાતે વિખરાયું

પ્રેમ ઝકોરે ।


आंधी में टिका

रात फूल बिखरा

प्यार का झोंका ।


5॥

હૈયું વિંધાયું

હરિ નો હાર બન્યો

ધન્ય તું પુષ્પ ।


बिंधा है सीना

हार बना हरि का

पुष्प तू धन्य ।

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~ અમિતા શાહ "અમી"

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