ऋता शेखर 'मधु'
मगही हाइकु
𑂧𑂏𑂯𑂲 𑂯𑂰𑂅𑂍𑂳
1.
बड़ जिगरा
देसवा के सैनिक
बने बेटवाऽ ।
2.
कहलै किस्सा
गुलाब के फुलवा
संगे कंटवा ।
3.
अमलतास
पीयर सड़िया में
खड़ा दुल्हिन ।
4.
चार बेटवा
होलै जे बंटवारा
घटलै खेत ।
5.
जोगी सुरुज
टहले एन्ने ओन्ने
दिन से रात ।
6.
नदी के धार
बित्तल समइया
कब्बो न लौटे ।
7.
बरा अजूबा
धरती पर आके
टूटलै तारा ।
8.
ठहर गेलैऽ
दुरबा पर ओस
मोती झुललै ।
9.
बेटी-बिदाई
टेंट के सनाटा में
गूँजे रोलाई ।
10.
मट्टी के चुल्हा
जलाबन लकरी
धुइयाँ आँख ।
11.
होलै बिआह
मेहमान निअर
अइलै धिया ।
12.
बोललै काग
अइतो रे पहुना
जल्दी से जाग ।
13.
जे न कमैले
खाके ताना के रोटी
भूख मिटैले ।
14.
उड़लै गुड्डी
पीयर सरसो से
सजलै खेत ।
15.
घर के बेटी
सौंसे गाँव के बेटी
सबके दुलरी ।
~ ० ~
~ ऋता शेखर 'मधु'
~ 𑂩𑂱𑂞𑂰 𑂬𑂵𑂎𑂩 '𑂧𑂡𑂳'