हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

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बुधवार, 7 अगस्त 2019

हाइकु कवयित्री पुष्पा सिंघी जी के हाइकु

हाइकु कवयित्री 

पुष्पा सिंघी

हाइकु 


1.
बूढ़ा पीपल
रंगीन आभूषण
कटी पतंग ।

2.
खोखले हुए
दीमक लगे रिश्ते
ढहा मकान ।

3.
चिल्लर यादें
सहेजती जाती माँ
भारी बक्से में ।

4.
लिख न पाऊँ
यादें बचपन की
काॅपी छोटी है ।

5.
छोटू माँगता
मुट्ठी भर सितारे
विभावरी से ।

6.
दूरदर्शन
डिब्बा बंद अचार
तीखा बहुत ।

7.
देह-कलश
छलके संवेदन
बारहमास ।

8.
बंदिनी थकी
मानपत्रों का बोझ
उठता नहीं ।

9.
नैन-प्रपात
भीगे मसि-कागद
लौटी बारात ।

10.
आषाढ़ी आस
कृषक स्वप्न बोता 
बेटी का गौना ।

□   पुष्पा सिंघी

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