हाइकु कवयित्री
सुलोचना सिंह
हाइकु
1.
घन के दोने
भरकर सावन
अमृत लाये ।
2 .
सृजन शील
सावन मतवाला
मद का प्याला ।
3 .
बोले पपीहा
झूमे गाये सावन
कूकती पीक ।
4 .
सावन आया
हरी-हरी मेंहदी
रची हथेली ।
5 .
खुशी के बीज
वसुधा के आंगन
बोता सावन ।
6 .
सावन संग
इंद्रधनुषी रंग
महके अंग ।
7 .
तन्वंगी सरि
सावन का चुंबन
सिंधु से मिली ।
8 .
अमृत वर्षा
प्यासी धरा अघाई
सावन हर्षा ।
9 .
खेतों की मेड़
नाची सावन संग
गाये किसान ।
10 .
मन को भाया
हरियाला सावन
खुशियाँ लाया ।
11 .
प्रीत के झूले
सावन उपकारी
अंबुआ डारी ।
12 .
मन मयूर
नाचे पिया के संग
सावन दंग ।
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