हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

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बुधवार, 7 अगस्त 2019

हाइकु कवयित्री सुलोचना सिंह जी के हाइकु


हाइकु कवयित्री 

सुलोचना सिंह 

हाइकु 


1. 

घन के दोने 
भरकर सावन 
अमृत लाये ।

2 .

सृजन शील 
सावन मतवाला 
मद का प्याला ।

3 .

बोले पपीहा 
झूमे गाये सावन 
कूकती पीक ।

4 .

सावन आया 
हरी-हरी मेंहदी 
रची हथेली ।

5 .

खुशी के बीज 
वसुधा के आंगन 
बोता सावन ।

6 .

सावन संग 
इंद्रधनुषी रंग 
महके अंग ।

7 .

तन्वंगी सरि 
सावन का चुंबन 
सिंधु से मिली ।

8 .

अमृत वर्षा 
प्यासी धरा अघाई 
सावन हर्षा ।

9 .

खेतों की मेड़ 
नाची सावन संग 
गाये किसान ।

10 .

मन को भाया 
हरियाला सावन 
खुशियाँ लाया ।

11 .

प्रीत के झूले 
सावन उपकारी 
अंबुआ डारी  ।

12 .

मन मयूर 
नाचे पिया के संग 
सावन दंग ।

□ सुलोचना सिंह
भिलाई ,दुर्ग (छत्तीसगढ़
)

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