हाइकु कवयित्री
क्रांति
हाइकु
1.
अंधेरी रात
स्वच्छ आकाश में
सितारे खास ।
2.
बांट रहा है
हर घर खुशियां
सूर्य प्रकाश ।
3.
बनो सूरज
बिखेर दो खुशियां
सारे जग में ।
4.
नारी की व्यथा
कोई नहीं जानता
दिल के पीर ।
5.
काली है रात
मिट जाएगा तम
उषा के बाद ।
6.
उड़ता पंछी
बुलंद हौसलों से
मापता नभ ।
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