हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

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बुधवार, 7 अगस्त 2019

हाइकुकार जाविद हिदायत अली जी के हाइकु

हाइकुकार

जाविद हिदायत अली

हाइकु 


लगी लगन
सावन की झड़ी से
सृष्टि मगन ।

आत्म चिंतन
जीवन चक्रव्यूह
मलिन मन ।

हुँकार भर
साँसें है जब तक
हिम्मत कर ।

न हो उन्मादी
सभ्य जीवन शैली
बन बैरागी ।

जीवन सार
संस्कार को पा लेना
होगा सत्कार ।

वैभव गान
जग गाने तैयार
ऐसा हो काम ।

मनभावन
श्रृंगारिक धरती
आया सावन ।

चाँद निकला
रुपहले पर्दे से
ज़िन्दगी जीने ।

वही हु ब हु
जो ख्वाब में आई थी
तेरी खुशबू ।

□ जाविद हिदायत अली
गुलिस्ताने नराशंस
कोनी-बिलासपुर (छत्तीसगढ़)

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