हाइकु कवयित्री
निर्मला पांडेय
हाइकु
श्रावण मास
आध्यात्मिकता भरा
नमः शिवाय ।
श्रृष्टि नियंता
जीव कर्म प्रधान
भोगता भोग ।
स्नेह गठरी
खुलती ज्यों ही गांठ
खुशी अपार ।
देश की भक्ति
है सर्वोपरि शक्ति
देती संतोष ।
गरीबी रेखा
निर्धन अभिशप्त
दुःखी जीवन ।
पाणि ग्रहण
प्राचीन परंपरा
देती सम्बल ।
फैलती घृणा
है सामाजिक विष
करें बचाव ।
गुरु औ शिष्य
परम्परा प्राचीन
कल्याणकारी ।
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