हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

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गुरुवार, 8 अगस्त 2019

हाइकुकार प्रदीप कुमार दाश "दीपक" जी के हाइकु

हाइकुकार 

~ प्रदीप कुमार दाश "दीपक"

हाइकु 


{01}

चली कुल्हाड़ी
रोते देख पेड़ों को 
रुठे हैं मेघ ।

☆☆☆

{02}

बोला न दीप
परिचय उसका
प्रकाश गीत ।

☆☆☆

{03}

बुलाते पेड़ 
सूख गई पत्तियाँ 
बरसो मेघ ।

☆☆☆

{04}

आहत मन
काटे लकड़हारा 
पेड़ का तन ।

☆☆☆

{05}
ठूँठ हैं आज
कोंपलें फूटेंगी 
जीवित आस ।

☆☆☆

{06}

पेड़ हैं सूखे
अनगिनत यादें 
रखे सहेजे ।

☆☆☆

{07}

प्रिय पावस
नयी पत्तियाँ सजीं 
करें स्वागत ।

☆☆☆

{08}

पावस रात
हवा, मेघों के संग
पेड़ों की बात ।

☆☆☆

{09}

पेड़ों के ऋणी
प्राण वायु ले कर
जीवित प्राणी ।

☆☆☆

{10}

सघन वन
चट्टानों से निःसृत
निर्झर तन ।

☆☆☆

□   प्रदीप कुमार दाश "दीपक"
साँकरा, जिला - रायगढ़
(छत्तीसगढ़)

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