हाइकु कवयित्री
पूनम दूबे
हाइकु
१
बूंदों के स्वर
रिमझिम बारिश
कारी बदरी ।
२
सावन आया
मेघा तुम बरसो
खनके बूंदें ।
३
नाचती फिरूं
आँगन छत पर
बादल देख ।
४
मेघ बरसे
भरे ताल तलैया
पानी ही पानी ।
५
भोले शंकर
सावन सोमवार
रूद्राभिषेक ।
६
जटा में गंगा
भूत पिसाच संग
दया निधान ।
७
पेड़ों पे झूले
सावन के ये दिन
बस पूछो ना ।
८
रक्षा बंधन
है रेशम की डोरी
पवित्र रिश्ता ।
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