हाइकु कवयित्री
बुशरा तबस्सुम
हाइकु
--0--
शब्द निशब्द
उकेरना मुश्किल
हमारा दर्द ।
शब्द सितारे
लिखते चन्द्र आभा
सारे के सारे ।
शब्द अपूर्व
अभिलाषा वर्णित
तुम्हारा रूप ।
पसरी धूप
झुलसते पादप
अखरी धूप ।
हँसी चिरैया
फुदक कूद ऐंठी
अधर बैठी ।
---00---
□ बुशरा तबस्सुम
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें