हाइकुकार
राजेश श्रीवास्तव
हाइकु
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शुभ अशुभ
चेतन मन बैठा
अंध विश्वास ।
बड़े बुजुर्ग
अनुभव चिंतन
जीवन पथ ।
दैविक स्थल
पुष्प भोग आरती
पूजा अर्चन ।
देव उवाच
चार वेद रूप में
वैदिक ग्रन्थ ।
प्रतिविम्बित
तारों के संग चाँद
क्षीर उत्सव ।
बादलों बीच
चौदहवीं का चांद
हुश्ने मलिका ।
बूढ़ी चरखा
चंदा मामा दूर के
दादी कहानी ।
सूर्य रश्मियाँ
बन उष्मा प्रकाश
ऊर्जा संचार ।
पादप वृक्ष
सकल गिरि वन
औषधियुक्त ।
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□ राजेश श्रीवास्तव
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