हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका) संचालक : प्रदीप कुमार दाश "दीपक" ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐

सोमवार, 19 अगस्त 2024

रक्षाबंधन के पावन अवसर पर वरिष्ठ हाइकु कवयित्री आ. दीदी डॉ. मिथिलेश दीक्षित जी के हाइकु

रक्षाबंधन के पावन अवसर पर वरिष्ठ हाइकु कवयित्री आ. दीदी डॉ. मिथिलेश दीक्षित जी के हाइकु 

डॉ. मिथिलेश दीक्षित जी


हाइकु 


छूट के भागा

निर्धन ‌बहन का‌

रेशमी धागा !

***

रक्षा बन्धन 

प्रेम की अटैची ‌में

धन ही धन !

***

उत्सव ‌मौन 

रिश्तों में‌ गांठ ‌लगी

खोलेगा ‌कौन ! 

***

बहना ‌भार

बांध ‌नहीं पायी‌‌ जो

सोने का‌ तार !

 ***

उत्सव ‌रीते‌

गांव- नगर छूटे 

रिश्ते भी टूटे ‌!

***

सूनी ‌कलाई

दौलत की शान में 

याद न आयी‌ ! 

*****

~ डॉ. मिथिलेश दीक्षित


रविवार, 18 अगस्त 2024

~ हाइकुकार डॉ. राधाकृष्ण विश्वकर्मा जी के हाइकु ~

हाइकुकार डॉ. राधाकृष्ण विश्वकर्मा जी के हाइकु 

डॉ. राधाकृष्ण विश्वकर्मा


हाइकु 


हम मानव

दानव बन चुके

रोती प्रकृति ।

***

गुंडा बनूंगा 

यही दुनिया है जी

संस्कृति शून्य ।

***

रोती प्रकृति 

कराहता संसार 

कहां हो लल्ला ?

***

भारत माता

अंतर्ध्यान हो चुकी 

बिखरा देश ।

***

नंगा है कौन 

फैशनेबल लोग !

फटी ग़रीबी ?

***

आधुनिकता!

भौतिकता, फ़ैशन!

नई संस्कृति ?

***

पापी बनूं या 

बनूं आदर्शवादी 

असमंजस ।

***

विडम्बना है

राष्ट्रपिता भी बापू 

कैदी भी बापू ।

***

भागते लोग 

दिशाहीन लक्ष्य को

भटके लोग ।

***

नारी पुरुष 

एक दूजे के लिए

दूर हो गये ?

*****

~ डाॅ. राधाकृष्ण विश्वकर्मा 

बरगढ़ (ओड़िशा)

चलभाष - 9337311721

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