हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका) संचालक : प्रदीप कुमार दाश "दीपक" ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐

गुरुवार, 30 जनवरी 2020

~ हाइकु कवयित्री सुधा राठौर जी के हाइकु ~

हाइकु कवयित्री 

सुधा राठौर


वसंत ऋतु

गर्म हुई है
वसंत के आते ही
हवा की साँस ।

फूली सरसों
हल्दिया हुई देह
नवोढ़ा रूप ।

सजने लगा
वसुधा की माँग में
सिंदूरी टेसू ।

झरने लगा
सुर्ख गुलमोहर 
मधुमास है ।

आम्र बौराया
महकी अमराई
मदिर-गंध ।

कूकी कोयल
भ्रमर का गुँजन
प्रणयी मन ।

हवा बहकी
महुआ है महका
रवि दहका ।

बिछा दुकूल
अमलतास तले
सोना बिखरा ।

नव-स्पन्दन
वसुधा के आँगन
नव-जीवन ।

उल्लासमय
प्रकृति का आनन
वन-कानन ।

रितु वसंत
लाई है तरुणाई
हर्ष अनंत ।
~•~

□  सुधा राठौर

~ हाइकु कवयित्री सुषमा अग्रवाल जी के हाइकु ~

हाइकु कवयित्री 

सुषमा अग्रवाल


हाइकु 
--0--

पीली सरसों
पीली-पीली पतंग
बसंत संग ।
--0--

बौराया आम
गुंजित हों भँवरे
आया बसंत ।
--0--

बसंत आया
फागुन साथ लाया
रंगा है मन ।
--0--

पीली चूनर
ओढ़ धरा हर्षाए
बसंत भाए ।
 --0--

वृक्षारोपण
धरा करे नर्तन
हर्षित मन ।
--0--

खेत सो गये
बारिश का कहर
किसान भूखा ।
--0--

धानी धरा ने
ओढ़ी श्वेत चादर
क्या हिम युग ।
--0--

बर्फाच्छादित
प्रकृति तार-तार
सब बेहाल ।
--0--

किसी का मज़ा
देखने मिले ओले
किसी की सजा़ ।
--0--

बर्फबारी से
हुई फसलें नाश
छिना निवाला ।
---00---

□  सुषमा अग्रवाल

~ हाइकु कवयित्री नीलम शुक्ला जी के हाइकु ~

हाइकु कवयित्री 

नीलम शुक्ला 


वासंती हाइकु 

1.
खिले धरा के
मुरझाये अधर
देख वसंत ।

2.
इठला रहा
नवयौवना बन
धरा का मन ।

3.
हरा घागरा
ओढ़ पीली चुनर
धरा दुल्हन ।

4.
पुष्प श्रृंगार
पायल की झंकार
धरा के द्वार ।

5.
लाया सम्राट
प्रेममंत्र खजाना
लुटे जमाना ।
--0--

□ नीलम शुक्ला

~ हाइकु कवयित्री ज्योतिर्मयी पंत जी के हाइकु ~

हाइकु कवयित्री 

ज्योतिर्मयी पंत 


बसंत 

१.
आया बसंत 
बीत गयी है शीत 
उजास छाया ।

२.
ठूँठ  जो वृक्ष 
पा बसंती बयार 
पल्ल्व उगे ।

३.
सोया था बीज 
जगा गया बसंत  
अँखुआ उठा ।

४.
धानी  घाघरा 
पीली चुनरी  ओढ़े 
हँसी  सरसों ।

५.
रंग सुगंध 
ऋतुराज ले आया 
धरती सजी ।

६.
धुंध चादर 
उठाने लगा सूरज 
बसंत आया ।

७.
पुष्प वाटिका 
सजी है महफ़िल 
भृंग -तितली ।

८.
भौंरे गूँजते 
स्वागत बसंत का 
तितली नाचे ।

९.
मन उजास 
दूर हुआ अवसाद 
ओ  मधुमास ।

१०.
फ़ाग प्रतीक्षा 
करें  रंग  तैयारी 
खिल के पुष्प ।
--0--

□  ज्योतिर्मयी पंत

बुधवार, 29 जनवरी 2020

~ हाइकुकार विवेक कवीश्वर जी के हाइकु ~


हाइकुकार 

विवेक कवीश्वर 


हाइकु 
--0--

वसंतसेना 
पुलकित वसंत 
विहग गान ।
--0--

चंचल आँख  
सरसों झुलवाती 
प्रणय भान ।
--0--

बिजुका देखे 
लहलहाते रंग 
हुआ मलंग ।
--0--

लज्जा फिसली 
चूनर संग-संग 
उड़ी तितली ।
--0--

वसंत राज 
सूरजमुखी ऐंठा 
धूप लिपटा ।
---0---

□   विवेक कवीश्वर

हाइकुकार डाॅ. विष्णु शास्त्री "सरल" जी के हाइकु

हाइकुकार 

डॉ. विष्णु शास्त्री "सरल"


हाइकु 
--0--

नव  बसंत 
आया  लेकर  अब 
सुख  अनंत  |

फूली  सर्षप 
धरा  - मंडप  पर 
बढ़ा आतप  |

मीठी  बयार 
दिशाएँ  मदहोश 
स्फूर्ति  अपार  |

धरा  सजेगी 
कर  नया  श्रृंगार 
नई  बहार  |

बदला  रंग 
प्रकृति  ललना  का
नई  उमंग  |

शिष्ट  -  विशिष्ट 
अवसर  है  आया 
कटा  अरिष्ट  |

हर्ष  ही  हर्ष 
सर्वत्र   प्रत्येक  का 
होगा  उत्कर्ष  |

□  डाॅ. विष्णु शास्त्री  "सरल" 
चम्पावत  (उत्तराखंड  )

बुधवार, 22 जनवरी 2020

~ हाइकु कवयित्री पूर्णिमा साह जी के हाइकु ~

हाइकु कवयित्री 

पूर्णिमा साह


हाइकु 
--0--

सोये न जागे
अलसाई पलकें
देखें सपने ।
--0--

कर्म को मान
स्व हाथ जगन्नाथ
क्यों दिवा स्वप्न ।
--0--

दिवस कर्म
मन में ले हिल्लोरें
देखें सपने ।
--0--

नैनों में छाए
सतरंगी सपने
लगे अपने ।
--0--

पाती प्रेम की
हर रोज लिखती
भेज न पाई ।
--0--

मीठी आदतें
भुलाए न भुलती
नैन भिगोती ।
--0--

दिल जमीं को
भिगोती रही अश्रु
पुरानी यादें ।
--0--

यादों के धन
खजानें अनमोल
संभाले चल ।
--0--

दिल से हारे
गर्दिश में सितारे
जग के आगे ।
---0---

□  पूर्णिमा साह
(पश्चिम बंगाल)

सोमवार, 20 जनवरी 2020

~ हाइकु कवयित्री मृदुला मिश्रा जी के हाइकु ~

हाइकु कवयित्री 
मृदुला मिश्रा 

हाइकु 
--0--

सर्द समीर
मचलती किरण
आतुर मिले ।
---0---

नूतन वर्ष
माघ की ठिठुरन
गुड़ गजक ।
---0---

नये साल में
भारत के सैनिक
न हों शहीद ।
 ---0---

साल बदले
पर मैं फटेहाल
दारूण सजा ।
---0---

हरित वर्ण
जंगल हरा-भरा
हुआ पिताभ।
---0---

वन हिरण
सुध-बुध बिसरा
खोजता गंध ।
---0---

दंडाधिकारी
दो दंड दोषियों को
स्वच्छ हो धरा ।
---0---

□  मृदुला मिश्रा 
मुम्बई (महाराष्ट्र)

~ हाइकुकार प्रिन्स मंडावरा जी के हाइकु ~

हाइकुकार

प्रिन्स मंडावरा

हाइकु 

--0--


कपासी गर्मी 
जेठ में शीतलता 
माँ का दुलार ।
--0--

ढलता रवि 
शर्म से हुई लाल
नभ चाँदनी ।
--0--

कणो में बसा
तन मन का मैल 
त्रस्त ब्रह्मांड ।
--0--

पापों की देन
फैलता प्रदूषण
दुःखी मानव ।
--0--

प्रकृति करे
राक्षसों का विनाश 
मिटता पाप ।
--0--

रथ सवारी
आधुनिकता होड़
घुटता दम ।
--0--

मेघों के झुंड
निगलते सूर्य को
ले जल कुंड ।
--0--

मन को मोह 
निकल पड़ी हवा
प्राण भरने ।
---0---

□  प्रिन्स मंडावरा

~ हाइकुकार राजेंद्र मिश्र जी के हाइकु ~

हाइकुकार 

राजेंद्र मिश्र


हाइकु 

--0--


हिलते रहे
खेत के उगे पेड़
खूंटे के पशु ।
--0--

बागवानी में
झूला झूलते बच्चे
खिलते फूल ।
--0--

त्रिमुहानी से
मुड़ती हुई कार
बच्चों का शोर ।
--0--

भोर की लाली 
मेहदी रचे हाथ 
पिया की साली ।
--0--

खण्ड काव्य है
भूख की दूनिया का 
एक इंसान ।
--0--

सूखी धरती
यहाँ फटी बिवाई
हाँफे किसान ।
---0---

□  राजेंद्र मिश्र 
चुनार, मीरजापुर (उत्तरप्रदेश)

~ हाइकुकार जयप्रकाश मिश्र जी के हाइकु ~

हाइकुकार 

जयप्रकाश मिश्र


हाइकु
--0--

बेटी की शादी
हुई  धूमधाम  से
मकान बिका ।
--0--

पिता लाचार
पुत्र आँख दिखाये
समय दोष ।
--0--

पर्यावरण
पल- पल दूषित
प्रकृति क्षुब्ध ।
--0--

पत्थर पर
उगा रहा है दूब
कोई पागल ।
--0--

लम्बी प्रतीक्षा
कटते नहीं  दिन
ठहरा पल ।
--0--

प्रेम है रोग
मिलते हैं हृदय 
जलते  लोग ।
--0--

दहेज़  कोढ़ 
फैल  रहा  तमाम
निर्धन चुप ।
--0--

संस्कार रोते
नैतिकता सिमटी
मानव चुप ।
--0--

बीमार पिता 
पल-पल कराहे
पुत्र डाॅक्टर ।
---0---

□ जयप्रकाश मिश्र

~ हाइकुकार कैलाश कल्ला जी के हाइकु ~

हाइकुकार

कैलाश कल्ला 


हाइकु 

देख तस्वीर
छलक पड़े आँसू
स्मृति ही शेष ।
--0--

पलते जीव
वर्षा, पौध जीवन
भानु ही बीज ।
--0--

सिंधु में गिरा
लहरों संग आया
तट पे बच्चा ।
--0--

पूनो की रात
लहरों संग नाचे
झील में चाँद
--0--

पत्ता ही गिरा
लहर दे खबर
झील के तट ।
--0--

वर्षा की बूँदें 
करे धरा का स्पर्श 
सौंधी खुशबू ।
--0--

क्षितिज पर
अद्भुत सा नजारा
भानु का स्पर्श ।
--0--

खेतों में नाचे
पंख फैला मयूर 
वर्षा का स्पर्श ।
--0--

शकून देती
सर्दी में करे स्पर्श 
भानु किरण ।
--0--

छुपी बकरी
झाड़ ही खाने लगी
बनी शिकार ।
--0--

दे रहे छाँव
प्राणवायु के साथ
वृक्ष महान
--0--

रखे संभाल
बुज़ुर्गों का तजुर्बा 
देते संस्कार ।
---0---

□  कैलाश कल्ला

~ हाइकु कवयित्री सुधा शर्मा जी के हाइकु ~

हाइकु कवयित्री 

सुधा शर्मा 

हाइकु 

हवा कहती
आया है रितुराज
कलियाँ खिली ।

पीताभ धरा 
नवल चुनरिया
लपेट तन ।

बंसत दूत
अमरइया डाल
कुहुक करे ।

पलाशी मन
जग रही उमंग 
जागी तरंग ।

मदिर लगी
वासंती पुरवाई 
मन बौराई ।

अलि गुंजन
इठलाती कलियाँ 
पँखुरी फैले ।

अमरईया 
कनक कण सजे
रसाल फूल ।

गेंदिया धूप
पसारकर बाहें 
खिलखिलाती ।

कण कण है 
नव जीवन पाया
वसंत आया ।

अनंग तीर
बिंधते है हृदय
मौसम हँसा ।

□  सुधा शर्मा 
राजिम, (छत्तीसगढ़)

हाइकु कवयित्री मंजू सरावगी "मंजरी" जी के हाइकु

हाइकु कवयित्री
मंजू सरावगी "मंजरी"

हाइकु

सरसों फूली
धरा करें श्रृंगार
आया बसंत ।

आम बौराया
कोयल कुहुकती
बंसत ऋतु ।

पलाश खिले
यौवन दहकता
धरा बेहाल ।

चाँद बहका
देख धरा यौवन
बाहों में लेने ।

चाँदनी रात
यौवन बहकता
चाँद के साथ ।

जग की रीत
भेड़ चाल चलती
सही गलत ?


नाऊ बारात 
सब सजे तैयार
टीपारा कौन ।

ऋतु सुहानी
पुरवाई मस्तानी
धरा हो जवाँ ।

पीली चूनर
धरती इठलाती
पिया के संग ।

काजल टीका
कोयले को नजर
कैसे बचाये ।

चक्र चलता
मौसम बदलते
ऋतु कहते ।

आवागमन
सुख दुःख का चले
काल के साथ ।

चाँद सूरज
समय का पहिया
एक ही दिशा ।

□ मंजू सरावगी "मंजरी"
रायपुर, (छतीसगढ़)

रविवार, 19 जनवरी 2020

~ हाइकु कवयित्री आरती बंसल जी के हाइकु ~

हाइकु कवयित्री 

आरती बंसल 


हाइकु 
--0--

1.
चाही थी बस
अंजुरी भर धूप
नीली हरी सी ।
---0---

2.
जाड़े की धूप
कानों को गरमाती
मखमली सी ।
---0---

3.
टिका के पीठ
आ बैठती है धूप
छज्जे की ओट ।
---0---

4.
सागर तट
लहरों का बिछौना
पहली धूप ।
---0---

5.
धूप सुहानी
बादल की रूई से
बुनती तार ।
---0---

□ आरती बंसल

शनिवार, 18 जनवरी 2020

हाइकुकार परिचय : प्रदीप कुमार दाश "दीपक"


        === प्रदीप कुमार दाश "दीपक" ===
       प्रदीप कुमार दाश "दीपक" (जन्म : 10 अगस्त 1979) हिन्दी [[हाइकु]], [[ताँका]], [[चोका]], [[सेदोका]] व [[रेंगा विधा]] के रचनाकार हैं ।<ref>https://hindi.sahityapedia.com/user/pradeepkumardash?cat=33</ref> शताधिक विषयों पर इनके अनगिनत हाइकु '''स्वर्गविभा''' [http://www.swargvibha.in/haiku/haiku_writers/pkdas.html] में तथा कई कृतियों में निरंतर प्रकाशित होते रहे हैं । छत्तीसगढ़ के शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय रजपुरी, जिला- सरगुजा में हिन्दी व्याख्याता के पद पर कार्यरत हैं ।

== जीवन ==

== मौलिक कृतियाँ ==

● मइनसे के पीरा ([[छत्तीसगढ़ी]] का प्रथम हाइकु संग्रह), प्रकाशन वर्ष- 2000 <ref>http://kavitakosh.org/kk/otherapps/ebooks/?b=1uAa3GcecKGWMOI7pE6Pi5IIwaGXDBwjZ</ref> ● हाइकु चतुष्क (हाइकु संग्रह), प्रकाशन वर्ष- 2000 <ref>http://hastaksher.com/rachnakar.php?rid=382</ref> ● संवेदनाओं के पदचिह्न (काव्य संग्रह), प्रकाशन वर्ष - 2001 ● रूढ़ियों का आकाश (हिन्दी का प्रथम सेन्-रियू संग्रह [http://www.swargvibha.in/pustak%20samiksha/all_pustak_samiksha/aakash.html]), प्रकाशन वर्ष- 2003 [http://kavitakosh.org/kk/otherapps/ebooks/?b=0B4Y8h_F9o-nVWEVQdFh6UThaZjNxeVMzaDhIQ1VfWGNxTkFj] ● प्रकृति की गोद में (हाइकु संग्रह), प्रकाशन वर्ष- 2017 [https://www.surtacg.com/pustak-samiksha-prkrti-ki-god-men/] ● परछाइयाँ (भारत की सत्रह भाषा व सात बोलियों में अनूदित हाइकु संग्रह), प्रकाशन वर्ष- 2018 [https://www.surtacg.com/pustak-samiksha-parchhaiya/] ● काशतण्डीर हस (उड़िया हाइकु संग्रह), प्रकाशन वर्ष- 2019 ● अंतर्मन की हूक (सेदोका संग्रह), प्रकाशन वर्ष- 2019

== अनूदित कृतियाँ ==

● वंदेमातरम् (उपन्यास) उड़िया से हिन्दी, प्रकाशन वर्ष- 2018

== सम्पादित कृतियाँ ==

● '''हाइकु वाटिका''' (हाइकु संकलन) प्रकाशन वर्ष- 2004 [http://kavitakosh.org/kk/otherapps/ebooks/?b=0B4Y8h_F9o-nVWEVQdFh6UThaZjNxeVMzaDhIQ1VfWGNxTkFj] ● '''हाइकु सप्तक''' (हिन्दी के सर्वश्रेष्ठ सात हाइकुकारों के हाइकु, परिचय व विचार) प्रकाशन वर्ष- 2006 <ref> हाइकु-काव्य विश्वकोश, (संपादक-डॉ. भगवतशरण अग्रवाल, हाइकु भारती प्रकाशन अहमदाबाद, प्रकाशन वर्ष- 2009, पृष्ठ क्र. 41 व 152 </ref> ● ''' झाँकता चाँद ''' (हाइकु संकलन) प्रकाशन वर्ष- 2017 [https://www.surtacg.com/pustak-samisha-jhankta-chand/] ● ''' कस्तूरी की तलाश ''' (विश्व का प्रथम रेंगा संग्रह) प्रकाशन वर्ष- 2017 [https://www.surtacg.com/pustak-ki-talash-kasturi-ki-talash/] ● ''' ताँका की महक ''' (ताँका संग्रह) प्रकाशन वर्ष- 2017 [http://www.swargvibha.in/forums/viewtopic.php?f=14&t=67547&p=117946&sid=bba711db89443b5aeb31f5110da2a963#p117946] ● ''' हाइकु मञ्जूषा ''' (समसामयिक हाइकु संचयनिका) प्रकाशन वर्ष- 2018 [http://utkarshprakashan.in/details.php?bid=369] ● ''' [[छत्तीसगढ़]] की हाइकु साधना ''' (साझा हाइकु संग्रह) प्रकाशन वर्ष- 2018 [https://books.google.co.in/books?id=v0FaDwAAQBAJ&pg=PA222&lpg=PA222&dq=%E0%A4%B0%E0%A5%87%E0%A4%82%E0%A4%97%E0%A4%BE+%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%A7%E0%A4%BE&source=bl&ots=WCI9V4YCkn&sig=ACfU3U042m5tEKJX0fA1sZMFsZF91KuT1w&hl=en&sa=X&ved=2ahUKEwiw5oncjcHmAhWOWX0KHRBRA8sQ6AEwAnoECAkQAQ#v=onepage&q=%E0%A4%B0%E0%A5%87%E0%A4%82%E0%A4%97%E0%A4%BE%20%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%A7%E0%A4%BE&f=false] ● ''' चारु चिन्मय चोका ''' (साझा चोका संग्रह) प्रकाशन वर्ष- 2018

== सम्मान ==

(1) राष्ट्रभाषा रत्न सम्मान- 1997 (2) राष्ट्रभाषा आचार्य  सम्मान  - 2000 (3) धन्नाजी नाना चौधरी पुरस्कार - 2001 (4) रवीन्द्रनाथ टैगोर लेखक पुरस्कार- 2003 (5) अंबेडकर फैलोशिप सम्मान -2004 (6) हिन्दी सेवी सम्मान- 2015 (7) श्रेष्ठ युवा रचनाकार सम्मान- 2016 (8) फर्स्ट इण्डो जापान पोयट्री वेन्चर अवार्ड - 2017 [https://indiabookofrecords.in/first-indo-japan-poetry-venture/] (9) हाइकु द्रोण सम्मान- 2017 (10) मात्सुओ बासो शब्द शिल्पी सम्मान- 2017 (11) श्रेष्ठ सम्पादक रत्न सम्मान- 2017 (12) साहित्य के दमकते दीप सम्मान-2017 (13) बाबु बालमुकुंद गुप्त हिन्दी साहित्य सम्मान- 2017 (14) साहित्य रत्न सम्मान- 2018 (15) साहित्य अभ्युदय सम्मान- 2018 (16) सर्वभाषा सम्मान- 2018 (17) छत्तीसगढ़ रत्न सम्मान- 2018 (18) साहित्य मार्तण्ड सम्मान- 2018 (19) निर्मला स्मृति अनुवाद साहित्य सम्मान- 2019 (20) साहित्य गौरव सम्मान- 2019 (21) साहित्य रत्न सम्मान- 2019 (22) शताब्दी सम्मान : बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन द्वारा प्रदत्त- 2019

== बाहरी कड़ियाँ ==

[http://haikumanjusha.blogspot.com हाइकु मञ्जूषा ब्लॉग]

== सन्दर्भ ==

{{हिन्दी हाइकु}}

[[श्रेणी : हिन्दी हाइकुकार]]

MOST POPULAR POST IN MONTH